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      राष्‍ट्रीय सेवा योजना राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर हि0प्र0
राष्‍ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme-NSS) राष्‍ट्र की युवाशक्ति के व्‍यक्‍तित्‍व विकास हेतु युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एक सक्रिय कार्यक्रम है। इस संगठन की स्थापना की बात आजादी से पूर्व दिवगंत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समय से चल रही थी। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम की शुरुआत तत्‍कालीन शिक्षामंत्री डॉ. वी.के. आर.वी. राव (विजयेंद्र कस्तूरी रंगा वरदराजा राव) ने 24 सितंबर, 1969 को 37 विश्‍वविद्यालयों में  की जिसमें करीब 40,000 स्‍वयंसेवियों ने भाग लिया।  
राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य एवं उद्देश्य
1. स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्र युवाओं के व्यक्तित्व और चरित्र का विकास करना इस                                                      योजना का प्राथमिक उद्देश्य है। 'सेवा के माध्यम से शिक्षा' यह एनएसएस का उद्देश्य है।
2. छात्रों को उस समुदाय को समझने में सक्षम बनाना जिसमें वे काम करते हैं;
3. अपने समुदाय के संबंध में स्वयं को समझना;
4. आपस में सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करना;
5. सामुदायिक भागीदारी जुटाने में कौशल हासिल करना;
6. नेतृत्व गुण और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण प्राप्त करना;
7. आपात्कालीन एवं राष्ट्रीय आपदाओं से निपटने की क्षमता विकसित करना;
8. राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता का अभ्यास करना।
राष्ट्रीय सेवा योजना का आदर्श वाक्य
एनएसएस का आदर्श वाक्य "मैं नहीं, बल्कि आप" लोकतांत्रिक जीवन के सार को दर्शाता है और निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता को कायम रखता है। एनएसएस छात्रों को दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण की सराहना विकसित करने और अन्य जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान दिखाने में भी मदद करता है। एनएसएस का दर्शन इस आदर्श वाक्य में अच्छी तरह से सिद्धांत है, जो इस विश्वास को रेखांकित करता है कि किसी व्यक्ति का कल्याण अंततः पूरे समाज के कल्याण पर निर्भर करता है और इसलिए, एनएसएस स्वयंसेवक कल्याण के लिए प्रयास करेंगे।
राष्ट्रीय सेवा योजना का लोगो
एनएसएस का प्रतीक भारत के उड़ीसा में स्थित विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर (द ब्लैक पैगोडा) के विशाल रथ पहिये पर आधारित है। पहिया सृजन, संरक्षण और मुक्ति के चक्र को चित्रित करता है और समय और स्थान के पार जीवन में गति को दर्शाता है, इस प्रकार यह प्रतीक निरंतरता के साथ-साथ परिवर्तन का भी प्रतीक है और सामाजिक परिवर्तन के लिए एनएसएस के निरंतर प्रयास को दर्शाता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना का बैज
एनएसएस प्रतीक एनएसएस बैज पर उभरा हुआ है। एनएसएस स्वयंसेवक सामुदायिक सेवा के किसी भी कार्यक्रम के दौरान इसे पहनते हैं। प्रतीक में कोणार्क चक्र में आठ पट्टियाँ हैं जो दिन के 24 घंटों का प्रतिनिधित्व करती हैं। बैज में लाल रंग दर्शाता है कि एनएसएस स्वयंसेवक ऊर्जा से भरे हुए हैं। यानी जीवंत, सक्रिय ऊर्जावान और उच्च भावना से भरपूर। नेवी ब्लू रंग उस ब्रह्मांड को इंगित करता है जिसका एनएसएस एक छोटा सा हिस्सा है, जो मानव जाति के कल्याण के लिए अपना योगदान देने के लिए तैयार है।
एनएसएस दिवस
एनएसएस को औपचारिक रूप से 24 सितंबर 1969 को राष्ट्रपिता के जन्म शताब्दी वर्ष पर लॉन्च किया गया था। इसलिए, 24 सितंबर को हर साल उचित कार्यक्रमों और गतिविधियों के साथ एनएसएस दिवस के रूप में मनाया जाता है।
एनएसएस गीत
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें एनएसएस गीत है। सभी एनएसएस स्वयंसेवकों से अपेक्षा की जाती है कि वे एनएसएस कार्यक्रमों और समारोहों के दौरान थीम गीत सीखें और गीत गाएं।

छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु निःस्वार्थ समाज सेवा तथा जनकल्याण कार्यों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना की 200 विद्यार्थियों की 2 ईकाई कार्यरत है। जो राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भाग लेकर संगठन की मूल अवधारणा के अनुरूप अनुशासन, कर्तव्यों और एकता से निरंतर आत्म विकास, जन जागरूकता कार्यक्रम और निःस्वार्थ भाव से सेवा कार्य करते है। इससे छात्रों को राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रमाण पत्र दिया जाता है। जिसके फलस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों का चयन किया जाता है।

NSS Program Officer                                                                                      
Dr.Ajeet Kumar                                                                                   Prof. AnuPriya